AALOO KI KHETI KARNE KA VAIGYANIK TARIKA HINDI ME
आलू की खेती करके किसान लाखों तक कमा सकता है बस उसके पास खेती करने की सही जानकारी होनी चाहिए जैसे की खेत की मिट्टी कैसी हो, आलू की खेती के लिए सही मौसम का चयन, आलू की खेती के लिए खेत कैसे तैयार करें आलू की खेती के खाद प्रबंध , आलू की सिंचाई कब करें आदि इन सब बातों का ध्यान किसान को रखना पड़ता है।
अगर इन सब बातों को वो नहीं जनता है या जानबूझकर गलती करता है तो वह कभी मुनाफा नहीं कमा सकता। हम इस पोस्ट में आपको आलू की खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जिससे को कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
आप इस बात को जानते होगें की आलू का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में हमेशा होता रहता है। इसलिए आलू बजार में 12 महीनो तक मिलता है। और इसी कारण से किसान आलू की खेती पर ध्यान देता है।
बोने के लिए नहीं करना चाहिए।
जब आलू का चुनाव कर लिया जाये तो उसे चाकू से काटकर टुकड़े कर लेना चाहिए इस बात का ध्यान दें की आलू के पर्त्येक टुकड़े में कम से कम 2 आँखे जरूर हो।
आँखो से मतलब आलू पर लाल घेरा जहाँ से आलू को बोने के बाद अंकुर फूटता है। अगर आलू छोटा है या उसमे आँखे बहुत छोटी हैं तो उन्हें बिना काटे पूरा ही बो देना चाहिए।
सबसे पहले इस बात का ध्यान रखे की जहाँ आप आलू को बोने जा रहे हैं वहाँ सूर्य का प्रकाश अच्छी मात्रा में पहुच रहा है की नहीं। क्योंकि आलू को अंकुरित होने के लिए गर्मी और पर्याप्त सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता पड़ती है। और आलू को उसी दिन बोना चाहिए जिस दिन सूर्य का प्रकाश अच्छी मात्रा में मिल रहा हो।
दुसरी बात जहाँ आप आलू को बोने जा रहे हैं वहा पर पहले से कोई दूसरी फसल उगाई होनी चाहिए यानि की वहाँ पर आलू के आलावा कोई दूसरी फसल वहाँ पर उगाई जा चुकी है। इससे खेत में नत्रजन की कमी नहीं होगी।
तीसरी बात जहाँ आलू बोया जा रहा है वहाँ पर नमी जरूर हो क्योंकि आलू की अच्छी पैदावार के लिए नमी का होना जरुरी है। साथ ही साथ सिंचाई की सुबिधा भी हो।
आलू को खेत में बोने के लिए सबसे पहले कुदाल द्वारा एक सीधी लाइन बना लेनी चाहिए और आलू को उस लाइन में बोना चाहिए। एक आलू से दूसरे आलू के बिज की दुरी कम से कम 10 से 12 इन्च (INCH) तक होना चाहिए। इससे फसल को जमीन में फैलने की जगह मिल जाती है। आलू को बोते समय ये ध्यान रखना चाहिए की आलू की आँख वाला सिरा हमेशा ऊपर हो। यानि आलू को बोते समय आलू के आँख वाले सिरे को ऊपर करके बोना चाहिए। आलू बोने के बाद उसपर कुदाल की सहायता से लाइन कतार) से मिट्टी चढ़ा देनी चाहिये।
इस बात पर विषेस ध्यान देना चाहिए की आलू जिस खेत में बोया गया है उसकी मिट्टी ढ़ीली ही रहे।
जब आलू से पौधे 5 से 6 इंच के हो जाये तो उनके आस पास की मिट्टी को खोदकर आलू के चारो तरफ क देनी चाहिए। और उनपर पानी छिड़क देनी चाहिए इससे मिट्टी ढ़ीली हो जाती है। और ढकने से आलू सूर्य की तेज रौशनी से जलने से भी बच जाता है।
जब आलू के पौधे में फूल आने लगता है तो तो आलू धीरे धीरे तैयार होने लगता है। और आलू के तने की पत्तियां पिली पड़ने लगें तो या सुख कर गिर जाएँ तो समझ ले की आपके आलू की फसल की खुदाई का वक्त आ गया है। यानि फसल पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। इससे पहले आप आलू खेत में सभी भाग से 2 से 3 आलू की पौधों की खुदाई करके जाँच ले की फसल पूरी तरह से तैयार हुई है या नहीं।अगर आपको लगे की फसल तैयार हो गईहै तो उसकी खुदाई करके खेत से निकाल लें।
अगर आप कंप्यूटर मोबाइल इंटरनेट खेती आदि से समन्धित जानकारी हिंदी में प्राप्त रना चाहते हैं तो हमारे फेसबुक पेज को लाइक करके हमसे जुड़ें। अगर आपके पास ईमेल आईडी है तो आप ईमेल के द्वारा निचे\ जाकर हमसे जुड़ें। जब भी कोई नयी जानकारी दी जायेगी तो आपको बता दिया जायेगा। आप हमसे ट्विटर गूगल+ के द्वारा भी जुड़ सकते हैं। और आप किसी दूसरे को भी जानकारी देना चाहते हैं तो इसके बारे में उन्हें बतायें।
आलू की खेती-
आलू जिसे की हम सब्जियों का राजा भी कह सकते हैं। उसकी खेती वैज्ञानिक या आधुनिक तरीके से कैसे किया जाता है इस पोस्ट में बताया गया है।आलू की खेती करके किसान लाखों तक कमा सकता है बस उसके पास खेती करने की सही जानकारी होनी चाहिए जैसे की खेत की मिट्टी कैसी हो, आलू की खेती के लिए सही मौसम का चयन, आलू की खेती के लिए खेत कैसे तैयार करें आलू की खेती के खाद प्रबंध , आलू की सिंचाई कब करें आदि इन सब बातों का ध्यान किसान को रखना पड़ता है।
अगर इन सब बातों को वो नहीं जनता है या जानबूझकर गलती करता है तो वह कभी मुनाफा नहीं कमा सकता। हम इस पोस्ट में आपको आलू की खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जिससे को कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
आप इस बात को जानते होगें की आलू का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में हमेशा होता रहता है। इसलिए आलू बजार में 12 महीनो तक मिलता है। और इसी कारण से किसान आलू की खेती पर ध्यान देता है।
1. आलू की खेती के लिए मौसम का चुनाव-
सबसे पहले मौसम के बारे में जानना जरुरी है की आलू की खेती किस मौसम में को जाती है।
जहाँ तक मौसम की बात करें तो आलू के बिज दो तरह के होते हैं। एक तरह के बिज को मार्च के अंत में बोकर जून या जुलाई के अंत में फसल को प्राप्त किया जा सकता है ये 70 से 130 दिनों में तैयार हो जाते हैं। दूसरे वाले बिज को अगस्त के महीने में बोकर अक्टूबर या नवम्बर के महीने में फसल को प्राप्त किया जा सकता है। इस तरह के बिज 130 से 140 दिनों में तैयार हो जाते हैं।2.आलू के खेत की तैयारी-
सबसे पहले खेत की जुताई दो से 3 बार कर देनी चाहिए ताकि उसमे से घासफूस खरपतवार आदि को अच्छी तरह निकाला जा सके। खेत में नमी का होना जरुरी है। बहुत ज्यादा नमी ना हो पर खेत सख्त भी नहीं होना चाहिए। जब खेत में से कंकर पत्थर घास फूस प्लास्टिक आदि को निकाल लिया जाये तो खेत को समतल बना लेना चाहिए। और उसमे आवश्यक खाद जैसे गोबर की खाद और ऐसी खाद जिसमे पोटास की मात्रा अधिक हो मिलाकर खेत की जुताई कर देनी चाहिए जिससे की खाद अच्छी तरह से खेत में मिल जाये।3. आलू का चुनाव-
जब खेत तैयार हो जाये तो आलू को बोने से पहले उसका चुनाव कर लेना अच्छा रहता है। बिज वाला आलू ही खरीदना चाहिए। अगर आलू में किसी प्रकार का रोग है या सड़ा हुआ है तो ऐसे आलू का चयनबोने के लिए नहीं करना चाहिए।
जब आलू का चुनाव कर लिया जाये तो उसे चाकू से काटकर टुकड़े कर लेना चाहिए इस बात का ध्यान दें की आलू के पर्त्येक टुकड़े में कम से कम 2 आँखे जरूर हो।
आँखो से मतलब आलू पर लाल घेरा जहाँ से आलू को बोने के बाद अंकुर फूटता है। अगर आलू छोटा है या उसमे आँखे बहुत छोटी हैं तो उन्हें बिना काटे पूरा ही बो देना चाहिए।
4. आलू बोने से पहले कुछ ध्यान देने योग्य बातें-
आलू बोने से पहले कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए-सबसे पहले इस बात का ध्यान रखे की जहाँ आप आलू को बोने जा रहे हैं वहाँ सूर्य का प्रकाश अच्छी मात्रा में पहुच रहा है की नहीं। क्योंकि आलू को अंकुरित होने के लिए गर्मी और पर्याप्त सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता पड़ती है। और आलू को उसी दिन बोना चाहिए जिस दिन सूर्य का प्रकाश अच्छी मात्रा में मिल रहा हो।
दुसरी बात जहाँ आप आलू को बोने जा रहे हैं वहा पर पहले से कोई दूसरी फसल उगाई होनी चाहिए यानि की वहाँ पर आलू के आलावा कोई दूसरी फसल वहाँ पर उगाई जा चुकी है। इससे खेत में नत्रजन की कमी नहीं होगी।
तीसरी बात जहाँ आलू बोया जा रहा है वहाँ पर नमी जरूर हो क्योंकि आलू की अच्छी पैदावार के लिए नमी का होना जरुरी है। साथ ही साथ सिंचाई की सुबिधा भी हो।
5. आलू को बोना-
आलू जब काट कर तैयार कर लिया जाता है तो उसको बोने का समय आता है।आलू को खेत में बोने के लिए सबसे पहले कुदाल द्वारा एक सीधी लाइन बना लेनी चाहिए और आलू को उस लाइन में बोना चाहिए। एक आलू से दूसरे आलू के बिज की दुरी कम से कम 10 से 12 इन्च (INCH) तक होना चाहिए। इससे फसल को जमीन में फैलने की जगह मिल जाती है। आलू को बोते समय ये ध्यान रखना चाहिए की आलू की आँख वाला सिरा हमेशा ऊपर हो। यानि आलू को बोते समय आलू के आँख वाले सिरे को ऊपर करके बोना चाहिए। आलू बोने के बाद उसपर कुदाल की सहायता से लाइन कतार) से मिट्टी चढ़ा देनी चाहिये।
6. आलू को बोने के बाद-
जब आलू को खेत में बो दिया जाता है तो उसके बाद सिंचाई और कोड़ाई करने का काम आता है। आलू के खेत में नमी बराबर नमी होनी चाहिए इसलिए आलू के खेत में सिंचाई लगातार करते रहना चाहिए बस इस बात का ध्यान देना चाहिए की सिंचाई बहुत अधिक न हो ना ही कम हो जब ऐसा लगे की आलू की खेत की नमी की कमी है तो तुरन्त सिंचाई कर देनी चाहिए।इस बात पर विषेस ध्यान देना चाहिए की आलू जिस खेत में बोया गया है उसकी मिट्टी ढ़ीली ही रहे।
जब आलू से पौधे 5 से 6 इंच के हो जाये तो उनके आस पास की मिट्टी को खोदकर आलू के चारो तरफ क देनी चाहिए। और उनपर पानी छिड़क देनी चाहिए इससे मिट्टी ढ़ीली हो जाती है। और ढकने से आलू सूर्य की तेज रौशनी से जलने से भी बच जाता है।
7. आलू की की खुदाई-
आलू की खुदाई का काम अंत में किया जाता है।जब आलू के पौधे में फूल आने लगता है तो तो आलू धीरे धीरे तैयार होने लगता है। और आलू के तने की पत्तियां पिली पड़ने लगें तो या सुख कर गिर जाएँ तो समझ ले की आपके आलू की फसल की खुदाई का वक्त आ गया है। यानि फसल पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। इससे पहले आप आलू खेत में सभी भाग से 2 से 3 आलू की पौधों की खुदाई करके जाँच ले की फसल पूरी तरह से तैयार हुई है या नहीं।अगर आपको लगे की फसल तैयार हो गईहै तो उसकी खुदाई करके खेत से निकाल लें।
8. आलू की खुदाई के बाद-
जब खेत से आलू की खुदाई करके निकाल लिया जाता है तो या तो आलू को बाजार में बेच देना चाहिए या आप अगर उसे लंबे समय तक रखना चाहते हैं तो आलू को बोरी में भरकर किसी शीत गृह (COLD TORE) में रख दें इससे आपके आलू खराब नहीं होगें।अगर आप कंप्यूटर मोबाइल इंटरनेट खेती आदि से समन्धित जानकारी हिंदी में प्राप्त रना चाहते हैं तो हमारे फेसबुक पेज को लाइक करके हमसे जुड़ें। अगर आपके पास ईमेल आईडी है तो आप ईमेल के द्वारा निचे\ जाकर हमसे जुड़ें। जब भी कोई नयी जानकारी दी जायेगी तो आपको बता दिया जायेगा। आप हमसे ट्विटर गूगल+ के द्वारा भी जुड़ सकते हैं। और आप किसी दूसरे को भी जानकारी देना चाहते हैं तो इसके बारे में उन्हें बतायें।
Plant Fertilizers
ReplyDelete